
पीलीभीत शहर और आसपास के इलाकों में आवारा पशुओं का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। सड़कों पर घूमते गाय, सांड़ और कुत्ते राहगीरों के लिए मुसीबत का सबब बन गए हैं। इनके कारण न सिर्फ जाम की समस्या बढ़ रही है, बल्कि सड़क हादसों का खतरा भी लगातार मंडरा रहा है।
क्या है स्थिति?
शहर के प्रमुख चौराहों, बाजारों और रिहायशी इलाकों में दिनभर आवारा पशुओं का जमावड़ा लगा रहता है। ये पशु झुंड में सड़कों पर बैठ जाते हैं, जिससे यातायात बाधित होता है। कई बार ये अचानक सड़क पार करने लगते हैं, जिससे दुपहिया वाहन चालक और पैदल चल रहे लोग बाल-बाल बचते हैं।
स्थानीय लोगों की शिकायतें:
स्थानीय निवासियों का कहना है कि प्रशासन इस समस्या पर ध्यान नहीं दे रहा है। आए दिन आवारा पशुओं की वजह से छोटे-मोटे हादसे होते रहते हैं। खासकर रात के समय इनकी वजह से दुर्घटनाओं की आशंका और बढ़ जाती है, क्योंकि अंधेरे में ये अचानक सामने आ जाते हैं।
एक स्थानीय दुकानदार, रमेश चंद्र ने बताया, “सुबह दुकान खोलने से पहले हमें कई बार लाठियों से इन पशुओं को हटाना पड़ता है। ग्राहक भी डरते हैं कि कहीं कोई सांड़ हमला न कर दे।”
प्रशासन की चुप्पी पर सवाल:
इस गंभीर समस्या के बावजूद नगर पालिका और संबंधित विभागों की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। पशुओं को पकड़ने और उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने की कवायद पूरी तरह से नदारद है।
मांग और अपील:
शहर के लोग प्रशासन से जल्द से जल्द इस समस्या से निजात दिलाने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने अपील की है कि आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए अभियान चलाया जाए और उन्हें गौशालाओं या अन्य सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए, ताकि राहगीर बिना किसी डर के सड़कों पर चल सकें और सड़क हादसों पर अंकुश लगाया जा सके।